सरकारें खाती रहीं खौफ, CM योगी ने 5 हजार करोड़ी माफिया को मिट्टी में मिला दिया, पर संकट में 4 हजार लोगों का भविष्य

सहारनपुर. उत्तर प्रदेश में सीएम योगी की सरकार ने माफियाओं को सबक सिखाया है. कई साल से अपराध और सियासी रसूख की मेवा खाने वाले माफियाओं को योगी सरकार ने ठीक कर दिया है. सहारनपुर जिले के भी एक ऐसे ही खनन माफिया हाजी इकबाल पर भी ईडी ने कार्रवाई कर 4440 करोड़ रुपयों की संपत्ति जब्त कर ली है. हाजी इकबाल लंबे समय से फरार चल रहा है और 1 लाख रुपयों का इनामी अपराधी है. हाजी इकबाल के चारों बेटे जेल में हैं और खुद दुबई में छिपकर दिन काट रहा है.

कभी परचून की दुकान और बोतलों में शहद भरकर बेचने वाला हाजी इकबाल अपराध की दुनिया में इस कदर तरक्की कर आगे बढ़ा कि 5 हजार करोड़ रुपयों से भी ज्यादा का एंपायर खड़ा कर दिया. हाजी इकबाल का सियासी रसूख भी रहा है. हाजी इकबाल उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायवती का करीबी माना जाता था. साथ ही बसपा से पूर्व विधायक भी रह चुका है. लेकिन इन दिनों सरकार की नजरों में हैं. अवैध खनन और जमीनों पर कब्जा समेत हाजी इकबाल के नाम दर्जनों मामले दर्ज हैं. इससे पहले की सरकारों ने हाजी इकबाल पर कार्रवाई करने से किनारा किया था. अब योगी सरकार ने इस खनन माफिया को मिट्टी में मिला दिया है.

ईडी ने जब्त कर ली 4440 करोड़ रुपयों की संपत्ति

पश्चिम यूपी में खनन माफिया के नाम से मशहूर पूर्व बसपा एमएलसी हाजी इकबाल उर्फ बाला की ED ने करीब 4440 करोड़ रुपए की 121 एकड़ संपति को अटैच कर दिया है. बता दें कि इस संपति पर हाजी इकबाल गैंग द्वारा ग्लोकल यूनिवर्सिटी का निर्माण कराया था.

इस यूनिवर्सिटी में करीब 4 हजार बच्चे पढ़ते हैं और करीब 700 स्टाफ काम करता है. जिनको अब अपने भविष्य का डर सताने लगा है. ED ने PMLA 2002 के प्रावधानों के तहत अवैध खनन मामले में अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से संबंधित 4,440 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी को कुर्क किया है. ये सभी संपत्तियां अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर पंजीकृत हैं. ट्रस्ट का नियंत्रण, प्रबंधन और संचालन मोहम्मद इकबाल, पूर्व एमएलसी और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा किया जाता था.

कैसे फकीर से करोड़ों का मालिक बना हाजी इकबाल
हम आपको अचूक संपति बनाने वाले पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की शुरू से कहानी बताते हैं. कैसे ये अरबों रूपयों की संपत्ति का मालिक बना. हाजी इकबाल के करीबी बताते है की हाजी इकबाल सहारनपुर मिर्जापुर कस्बे स्तिथ परचून की दुकान चलाया करता था. बताया गया कि परचून की दुकान चलाने के दौरान हाजी इकबाल ने मधुमक्खी के छत्ते तोड़कर शहद बोतलों में भरकर बेचने का काम भी किया. उसके बाद जंगलों से चोरी से कटवाकर खैर तस्करी का धंधा किया.

इसके बाद खनन के जरिए खूब काला धन कमाया. अपने साझीदारों को धीरे-धीरे अलग करते हुए सारा खनन का कार्य अपने हाथ में ले लिया और बड़ा माफिया बन गया. बताया गया कि शुरू से ही बीएसपी में रहकर मायावती का नजदीकी रहा और इस बात का फायदा उठाता रहा. वहीं सपा कार्यकाल में भी खनन का कारोबार इकबाल के पास ही रहा. इस दौरान उसने अकूत संपत्ति कमाई.

फिलहाल 1 लाख रुपए का इनामी हाजी इकबाल फरार है और उसके चारों बेटे और भाई सलाखों के पीछे है. पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की पत्नी का नाम फरीदा बेगम हैं. हाजी इकबाल के चार बेटे वाजिद, जावेद, अलीशान और अफजाल हैं और भाई महमूद अली है. बीते दिनों हाजी इकबाल की दुबई के एक बिजनेसमैन के साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी. जिसके बाद यह अंदाजा लगाया गया कि हाजी इकबाल दुबई में छिपा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *