भोपाल। प्रदेश में कई जगहों पर शनिवार को धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकरों को हटाने की कार्रवाई की गई। राजधानी भोपाल में भी थाना इलाकों में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का अभियान चलाया गया। पुलिस ने धर्मगुरुओं के साथ बैठक कर सहमति और सहयोग के साथ यह काम किया। दरअसल, कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने अफसरो को दोटूक लहजे में धार्मिक स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अनियंत्रित उपयोग पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। उसी के बाद यह कार्रवाई की गई है।
जानकारी के अनुसार शनिवार को नगरीय पुलिस के चारों जोन के 30 धार्मिक स्थलों से 96 लाउडस्पीकर हटाए हैं। पुलिस का कहना है कि अनुमति प्राप्त स्थलों में सीमित आवाज के लाउड स्पीकर के अलावा अतिरिक्त लगे लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने खुले में मांस की बिक्री, डीजे, जुआ, सट्टा, प्रापर्टी संबंधी अपराध, धोखाधड़ी, साइबर क्राइम और महिला अपराध के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
लाउडस्पीकर को लेकर भ्रम फैला रही पुलिस – आरिफ मसूद
उधर, भोपाल (मध्य) विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को पत्र लिखा है। इसमें मसूद ने कहा कि पुलिस ग्रामीण अंचलों में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकरों को बलपूर्वक हटाने का कार्य कर रही है, जबकि फरवरी-2024 विधानसभा सत्र में मेरे द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का नियम विरुद्ध प्रयोग का मामला उठाया गया था। तब सदन को बताया गया था कि प्रशासन द्वारा समस्त संबंधित धर्मगुरुओं से संवाद व समन्वय के आधार पर लाउड स्पीकरों को हटवाए जाने पर प्रेरित किया गया है। स्वप्रेरणा से भी लाउडस्पीकरों को उतारा गया है। निर्धारित ध्वनि सीमा (डेसीबल) का उल्लंघन करने वाले समस्त ध्वनि विस्तारक यंत्रों के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। लेकिन पुलिस की ओर लगातार गृह विभाग के आदेश का हवाला देकर लाउडस्पीकर पर पूर्ण प्रतिबंध है, इस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है। इसे रोका जाए, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति न हो।