साउथ सिंडिकेट, शराब की बल्क डील और 100 करोड़ का लेन-देन… शराब घोटाले पर पढ़ें CBI की पूरी थ्योरी

दिल्ली शराब नीति और धन शोधन घोटाले मामले में जांच एजेंसियां ताबड़तोड़ एक्शन ले रही हैं. शुक्रवार को सीबीआई ने BRS नेता के. कविता को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया. सीबीआई ने कोर्ट से उनकी पांच दिन की कस्टडी मांगी है. के. कविता को प्रोडक्शन वारंट पर तिहाड़ जेल से लाया गया. इसके साथ ही जांच एजेंसी ने ट्रायल कोर्ट को इस पूरे घोटाले में के कविता की भूमिका के बारे में भी सिलसिलेवार बताया. सीबीआई ने इस कथित घोटाले की अब तक की जांच में थ्योरी, किरदार और किस आरोपी ने क्या भूमिका निभाई है, उसके बारे में भी खुलासा किया है.

कविता की कस्टडी के लिए CBI ने कोर्ट में दलील दी कि आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ की रिश्वत अरेंज करने में के कविता का बड़ा रोल रहा है. कविता इस मामले में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं. एक बड़े बिजनेसमैन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी. केजरीवाल ने उन्हें आबकारी नीति के जरिए सपोर्ट करने का आश्वासन दिया था. सीबीआई ने कहा कि के कविता ने हैदराबाद में उसी बिजनेसमैन से मुलाकात की थी. यानी वो बिजनेसमैन विजय नायर के कविता के संपर्क में भी था. बिजनेसमैन ने कविता से 100 करोड़ रुपये की अग्रिम धनराशि की व्यवस्था करने के लिए कहा था. कविता ने इस पैसे का इंतजाम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. के कविता, तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी हैं. CBI ने अपनी दलीलों के समर्थन में सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा के बयान का हवाला दिया.

विजय नायर को 100 करोड़ रिश्वत देने का आरोप’

विजय नायर को AAP नेताओं के कहने पर साउथ ग्रुप (अरबिंदो फार्मा के प्रमोटर शरत रेड्डी, बीआरएस नेता के कविता, वाईएसआरसीपी के लोकसभा सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंटा) से करीब 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी. साउथ ग्रुप का प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुचीबाबू ने किया था. तीनों को ही शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया है.

‘के कविता ने बातचीत के लिए शरत रेड्डी को आगे किया’

चूंकि, दिनेश अरोड़ा इस केस में पहले आरोपी रहा है. अब उसे सरकारी गवाह बना लिया गया है. सीबीआई का कहना है कि दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में पुष्टि की है कि अभिषेक बोइनपल्ली ने बताया था कि विजय नायर को 100 करोड़ रुपये दिए गए थे. CBI ने कहा कि बुचीबाबू से बरामद व्हाट्सएप चैट से पता चला है कि वो इंडोस्पिरिट्स में कविता के साथ हिस्सेदार है. सीबीआई ने कहा, के कविता ने दिल्ली में आबकारी नीति मामले में बातचीत करने के लिए शरतचंद्र रेड्डी को आगे किया था. तत्कालीन आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया के दबाव के कारण ब्लैक लिस्ट किए जाने के बावजूद इंडोस्पिरिट्स को लाइसेंस दिए गए. 

साउथ सिंडिकेट में के कविता की भूमिका अहम’

CBI ने अपनी दलीलों के समर्थन में व्हाट्सएप चैट और कुछ लोगों के बयान का हवाला दिया और कहा, के कविता ने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके राघव मुंगटा की उसकी कंपनी को NOC दिलाने में भी मदद की. CBI का कहना है कि सीआरपीसी की धारा 161 और 164 के तहत हवाला ऑपरेटरों के बयान से 11.9 करोड़ रुपये के भुगतान की पुष्टि हुई है. गोवा चुनाव के लिए हवाला के जरिए पैसा इकट्ठा किया गया. हमने व्हाट्सएप चैट भी फाइल की है. हवाला की रकम AAP के गोवा से जुड़े एक व्यक्ति को मिली थी. सीबीआई ने कहा, साउथ में सिंडिकेट चलाने के लिए के. कविता का आबकारी नीति मामले में मुख्य भूमिका है.

सवालों का सीधा जवाब नहीं दे रहीं कविता’

सीबीआई ने कहा, के कविता से इन्ही मामलों में अहम पूछताछ करनी है. तिहाड़ जेल में जो पूछताछ की गई, उसमें के कविता ने एक भी सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया है. इसलिए हमें पूछताछ करने के लिए कस्टडी चाहिए. जो गवाह और सुबूत हमारे पास हैं, उनके साथ आमना-सामना भी करवाना है. इस मामले में और लोग भी शामिल हैं, जिनका पता लगाना बाकी है. सीबीआई के मुताबिक, मार्च- मई 2021 में जब आबकारी नीति बनाने की प्रकिया चल रही थी, उस वक्त अरुण पिल्लई, बुच्ची बाबू, बोइनपल्ली दिल्ली में ठहरे हुए थे. कविता ने दिसंबर 2021 में शरत रेड्डी पर 25 करोड़ की रकम देने का दबाव बनाया था. रेड्डी के इनकार करने पर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई. सीबीआई का कहना है कि राघव मगुंटा, मगुंटा रेड्डी और शरत रेड्डी के बयानों में के कविता की भूमिका मुख्य साजिशकर्ताओं के रूप में उभरी है.

‘के कविता ने न्यायिक हिरासत में गिरफ्तारी का विरोध किया’

वहीं, के कविता के वकीलों ने सीबीआई हिरासत का विरोध किया है और कहा, सीआरपीसी में न्यायिक हिरासत में किसी व्यक्ति से पूछताछ करने का कोई प्रावधान नहीं है. CBI जेल के नियमों को दरकिनार नहीं कर सकती है. कविता के वकील ने आगे कहा, मेरे संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ है. मुझे गिरफ्तार करके पेश करने से पहले ना मुझे अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया और ना ही मुझे रिमांड एप्लीकेशन की कॉपी दी गई. संविधान का अनुच्छेद 20(1) कहता है कि किसी से भी हिरासत में लेकर पूछताछ से पहले उसका भी पक्ष सुना जाए. मेरे केस में कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है. यह पूरी तरह से अवैध गिरफ्तारी है. मेरी दो अर्जियों पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. बिना अदालत की इजाजत या आदेश के मुझे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. 

‘CBI बोली- पहले कोर्ट से इजाजत ली, फिर पूछताछ की’

सीबीआई ने कहा, कोई गलत तरीके से गिरफ्तारी नहीं हुई है. सीबीआई ने सफाई दी कि हमने 5 अप्रैल को अदालत से इजाजत ली और 6 अप्रैल को जेल में पूछताछ की. कोई गैरकानूनी गिरफ्तारी नहीं हुई है. हमने कविता के पति को भी सूचना दी थी. गिरफ्तारी से पहले और बाद में कविता के पति को फोन करके जानकारी दी गई. जेल प्रशासन ने इसकी जानकारी इनके पति को दी. कविता ने कहा, मैंने अपने वकीलों से बात करने के लिए जेल अधिकारियों से इजाजत मांगी थी, लेकिन कानूनी परामर्श का मौका नहीं दिया गया. 

कोर्ट ने के कविता के वकील से पूछा, क्या किसी को गिरफ्तार किए जाने से पहले उसको चुनौती देने का कोई कानूनी प्रावधान है? सीबीआई ने कहा, मामले की जांच के दौरान इस तरह का एप्लीकेशन मूव नहीं किया जा सकता है. हमें सिर्फ आगे पूछताछ करनी है और जांच को आगे बढ़ाना है. फिलहाल, के. कविता की रिमांड पर दोपहर 2 बजे के बाद सुनवाई होगी. 

 

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