भारत में सीएए लागू होते ही पाकिस्तान से सब कुछ छोड़ भाग रहे हिंदू, सामने आया सबूत, जिन्‍ना का देश होगा खाली?

इस्लामाबाद: भारत में नागरिकता संसोधन अधिनियम (सीएए) लागू होने से पाकिस्तान यूं ही नहीं तिलमिलाया हुआ था। सीएए लागू होने के बाद से पाकिस्तान में बड़ी संख्या में सताए गए हिंदू अब पलायन का मन बना रहे हैं। ऐसा होगा तो पहले ही अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए बदनाम जिन्ना का देश हिंदुओं से पूरी तरह खाली हो जाएगा। पाकिस्तान से ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि वहां पर हिंदू समुदाय के लोग अपना सब कुछ छोड़कर भारत के लिए रवाना हो रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि जल्द ही पाकिस्तान से हिंदुओं का पूरी तरह से पलायन हो जाएगा।

पाकिस्तान से पलायन कर भाग रहे हिंदू

पाकिस्तान से हिंदुओं के पलायन का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक परिवार अपना सामान समेटकर जाते हुए दिखाया गया है। इस वीडियो में एक शख्स की आवाज ये कहते सुनी जा सकती है कि हम अपनी जन्मभूमि छोड़कर हमेशा-हमेशा के लिए इंडिया रवाना हो रहे हैं। हिंदू परिवार के पलायन का ये कथित वीडियो खुद को पाकिस्तानी पत्रकार बताने वाले दिलीप कुमार खत्री ने अपने एक्स हैंडल से अपलोड किया है।

वीडियो के साथ कैप्शन में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि जल्द ही पाकिस्तान से हिंदुओं का पलायन हो जाएगा। पोस्ट में लिखा गया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 22 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत के करीब रह गई है, क्योंकि कट्टरपंथियों के उत्पीड़न के चलते हिंदू पाकिस्तान से भाग रहे हैं। भारत में सीएए के आने को हिंदू अपने लिए बड़ी सुरक्षा के तौर पर देख रहे हैं। उनका (हिंदुओं का) जाना पाकिस्तान के भविष्य के लिए गहरी चिंता जाहिर करता है।

भारत सरकार ने लागू किया है सीएए

भारत सरकार बीती 11 मार्च में नागरिकता संसोधन अधिनियम को लागू कर दिया था। सीएए के नियम के अुसार, भारत सरकार 31 दिसम्बर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित इन गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देगी। इन गैर-मुस्लिमों में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं। पाकिस्तान ने इसे भारत में मुसलमानों के साथ भेदभाव करने वाला कानून बताया था। हालांकि, भारत ने ऐसी किसी आशंका को खारिज कर दिया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए लागू करने को जायज ठहराया था। उन्होंने कहा था कि आजादी के बाद कांग्रेस और हमारे संविधान निर्माताओं का वादा था कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में धार्मिक आधार पर सताए गए लोगों को भारत आने पर नागरिकता प्रदान की जाएगी, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के कारण ये नहीं हो पाया था।

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