सपा-कांग्रेस के बीच छिड़ी जुबानी जंग में कांग्रेस नेता अजय राय आजमगढ़ की हार का जिक्र कर दिया, जिसे लेकर अखिलेश यादव भड़क उठे हैं. शुक्रवार को हरदोई पहुंचे सपा अध्यक्ष ने गठबंधन को लेकर कहा कि अगर बात पिता तक न पहुंचे तो अच्छा होगा. अगर समाजवादियों का आजमगढ़ से इमोशन है तो किसी भी दल को इस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. क्योकि उनके भी क्षेत्र हैं, जिससे उनके इमोशन हैं. अगर वो ऐसा करेंगे तो उन्हें भी इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए.
अखिलेश यादव ने इस दौरान कांग्रेस से लेकर तमाम मुद्दों पर पत्रकारों से खुलकर बात की और कहा कि मध्य प्रदेश में हमारी कांग्रेस से बात हुई थी. सपा उन सीटों पर जहां हमारा वोट है या प्रत्याशी जीते हैं उन पर बात की गई थी, लेकिन अब ये कांग्रेस ही बताएगी कि आखिर वो खत्म क्यो हो गई. सपा जिन सीटों पर पहले चुनाव लड़ी थी, जहां हमें वोट मिला था उन पर चुनाव लड़ेगी.
कमलनाथ के बयान पर कही ये बात
अखिलेश यादव से जब कमलनाथ द्वारा अखिलेश वखिलेश वाले बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने कह कि अगर उन्होंने कहा कि अखिलेश कौन हैं तो समाजवादी पार्टी भी इन बातों को कह सकती है लेकिन हम उन उलढनों में फंसना नहीं चाहते हैं. कमलनाथ जी हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं. जिनके नाम में ही ‘कमाल’ हो तो अखिलेश जी ही कहेंगे तो अखिलेश नहीं कहेंगे. वहीं बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनसे अगर महंगाई, किसान, बेरोजगारी को लेकर सवाल पूछेंगे तो सरकार जवाब नहीं देगी, लेकिन सपा दोगुनी आय के दिखा रही है.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी के आने से बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी का संविधान खत्म हो जाएगा. अभी जिला पंचायत चुनाव में देखा होगा कि उन्होंने कैसे वोट लिया था. बीडीसी लोग कैसे वोट दे देते हैं. किसी का पर्चा कैंसिल हुआ, किसी का पर्चा छीन लिया. बीजेपी अगर आ गई तो बाबा साहब का संविधान चला जाएगा
जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस को घेरा
जातीय जनगणना को लेकर अखिलेश यादव ने इस दौरान कांग्रेस पर ही सवाल उठा दिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब मुखर हुई है. यह वहीं कांग्रेस पार्टी है की जिसने जाति जनगणना के आंकड़े नहीं दिए, अब यह चमत्कार है क्योंकि सबको तब एहसास हो गया है कि जब तक पिछड़े, दलित और आदिवासी भाइयों का साथ नहीं लोगे तो आप कामयाब नहीं होंगे. प्रधानमंत्री खुद कहते हैं कि हम पिछड़े हैं. कांग्रेस पार्टी भी चमत्कार में आ गई है और उन्हें भी जाति जनगणना चाहिए क्योंकि उन्हें पता है जो वोट उनके साथ था वो अब नहीं हैं.