अग्नि 5 मिसाइल परीक्षण पर दुनिया में भारत की बढ़ी धाक, अमेरिका बोला ‘ताकत को ही मिलता है सम्मान’

भारत ने ​अग्नि 5 मिसाइल का सफल परीक्षण करके दुनिया में एक बार फिर भारत की ताकत का इजहार किया है। इस परीक्षण से भारत की धाक बढ़ी है। इसी बीच अमेरिका ने अग्नि 5 मिसाइल के परीक्षण को भारत की बढ़ती ताकत बताया है। अमेरिकी सांसद ने भारत की इस उपलब्धि और बढ़ती ताकत पर यही क​हा कि ‘दुनिया में ‘ताकत को ही मिलता है सम्मान’।

दुनियाभर से मिल रहीं प्रतिक्रियाएं

जानकारी के अनुसार भारत ने सोमवार को अग्नि-5 मिसाइल का एमआईआरवी तकनीक के साथ सफल परीक्षण किया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस बात की जानकारी दी। भारत की इस कामयाबी पर दुनियाभर से प्रतिक्रिया आ रही हैं। अमेरिकी सांसद रिक मैक्कॉर्मिक ने भी भारत को इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ‘मुझे लगता है कि इससे भारत डिप्लोमेटिक और टैक्टिकल मामलों में एक बड़ा खिलाड़ी बनेगा। 

जानिए क्या बोले अमेरिकी सांसद?

अमेरिकी सांसद रिक मैक्कॉर्मिक ने कहा कि ‘जब आपके पास ज्यादा तकनीक आती है तो आपकी अर्थव्यवस्था बढ़ती है और सेना में निवेश भी बढ़ता है। लोग ताकत को सम्मान देते हैं।’ अमेरिकी सांसद ने आगे कहा कि ‘अभी भारत ने बस शुरू किया है। पीएम मोदी भी अतंरराष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभा रहे हैं। आप जितने ताकतवर होंगे, उतना ही लोग आपकी बात सुनेंगे।’ उन्होंने कहा कि ‘पुतिन को भी परमाणु शक्ति होने का फायदा मिलता है।’

चुनिंदा देशों में शामिल हुआ भारत

मिशन दिव्यास्त्र के सफल होने के बाद अब अग्नि 5 मिसाइलों से अब एक समय में कई टार्गेट पर निशाना लगाया जा सकता है। मिसाइल के ऊपर एक ऐसी प्रणाली लगाई जाएगी, जिससे एक समय पर तीन अलग अलग टारगेट को इंगेज किया जा सकता है। मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है।

जानिए अग्नि 5 मिसाइल की ताकत

अग्नि-5 एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली एक अत्याधुनिक बैलिस्टिक मिसाइल है। यह मिसाइल 5000 किमी की सीमा से परे लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखती है और भारत की आत्मरक्षा प्रणालियों के लिए महत्वपूर्ण है। इस मिसाइल को दागने के बाद बिना इंटरसेप्टर मिसाइल के रोका नहीं जा सकता है। अग्नि मिसाइल प्रणाली प्रसिद्ध वैज्ञानिक और देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के दिमाग की उपज थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *