लक्ष्मण सिंह का कांग्रेस से निष्कासन क्या दिग्विजय सिंह को झटका है? राहुल गांधी के खिलाफ कौन सा दिया था बयान

दरअसल, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा और उमर अब्दुल्ला को लेकर विवादित बयान दिया था। उनका यह बयान उन्हीं पर भारी पड़ गया। पार्टी की अनुशासन समिति ने उनके बयानों को अनुशासनहीनता माना। अनुशासन समिति के अध्यक्ष सांसद तारिक अनवर ने बयान के लिए कारण बताओ नोटिस दिया था। जवाब संतोषजनक नहीं होने के चलते उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित किया गया।

भाई का निष्कासन क्या दिग्विजय को झटका

दिग्विजय सिंह को राघोगढ़ का राजा माना जाता है। गुना जिले की यह सीट हमेशा दिग्विजय सिंह और बाद में उनके बेटे के नाम रही, जबकि लक्ष्मण सिंह जिले की चाचौड़ा विधानसभा से विधायक रहे। इस बार 2023 के चुनाव में हार गए। माना जाता है कि दिग्विजय सिंह और लक्ष्मण सिंह के बीच कभी ‘प्रेम’ नहीं दिखा। ऐसे में दिग्विजय के लिए झटके की कोई बात नहीं होगी।

वहीं, लक्ष्मण सिंह की राजनीतिक शुरुआत भले कांग्रेस नेता के रूप में रही हो, लेकिन बाद में वे कुछ वर्ष बीजेपी में भी रहे हैं। वे पार्टी से सांसद भी रहे। बाद में भाजपा से निकाले गए तो कांग्रेस में आ गए। अब फिर उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है। ऐसे में दिग्विजय के लिए कोई बड़ा झटका नजर नहीं आता।

भाई को सपोर्ट की क्या है संभावना

दिग्विजय सिंह राज्यसभा सांसद हैं और उनके बेटे जयवर्धन सिंह विधायक हैं। ऐसे में वे लक्ष्मण सिंह के ‘हक’ की बात करके खुद नहीं फंसना चाहेंगे। ऐसा इसलिए भी क्योंकि लक्ष्मण सिंह का बयान राहुल गांधी और गांधी खानदान के दामाद पर आया है।

जिस पार्टी में रहे, किसी से डरे नहीं

लक्ष्मण सिंह पहले बीजेपी में भी रह चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी और अफजल गुरु पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के भाषण की सार्वजनिक निंदा कर दी थी।

मोदी ने किया था लक्ष्मण का प्रचार

वर्ष 2004 में लक्ष्मण सिंह की दिग्विजय से अनबन हुई तो वे उमा भारती के साथ बीजेपी में चले गए। 2004 में जब लक्ष्मण सिंह को बीजेपी ने राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया तो उनके प्रचार के लिए नरेंद्र मोदी आए थे। तब वे भाजपा से सांसद बने। 2009 लोकसभा के चुनाव में लक्ष्मण सिंह कांग्रेस के नारायण सिंह अमलावे से चुनाव हार गए।

भाजपा ने बाहर निकाला

वर्ष 2009 के अगले साल नितिन गडकरी बीजेपी के अध्यक्ष बने। दिग्विजय के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गडकरी ने एक बार कह दिया कि आतंकवादियों की तरफदारी करने वाले औरंगजेब की संतान हैं। लक्ष्मण सिंह को यह बर्दाश्त नहीं हुआ। उन्होंने गडकरी से सवाल कर दिया के वे बताएं कि किसकी संतान हैं। इसके बाद उन्हें भाजपा ने निकाल दिया और लक्ष्मण सिंह फिर से कांग्रेस में लौट आए।

राहुल गांधी पर दिया था ये बयान

पहलगाम हमले के बाद गांधी परिवार के दामाद और राहुल गांधी को लेकर बयान दिया था। पहलगाम हमले के बाद रॉबर्ट वाड्रा ने कहा था कि मुसलमानों को सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने देते, इसलिए आंतकवादियों ने हमला किया। इस पर लक्ष्मण सिंह ने कहा था कि इन दोनों का ये बचपना हम कब तक झेलेंगे? साथ ही कहा था कि राहुल गांधी भी सोच समझकर बात करें। इनकी नादानियों की वजह से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी को मुझे निकालना है तो आज ही निकाल दे। हमारे नेताओं को सोच-समझकर बोलना चाहिए, वरना इसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।

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