डीयू की टॉपर को नहीं मिल रही इंटर्नशिप, कंपनियों ने कर दिया रिजेक्ट, कहा- अच्छे नंबरों से नहीं…

माता-पिता बचपन से ही हमें यह शिक्षा देते हैं कि अच्छे से पढ़ाई लिखाई करोगे और अच्छे नंबर आएंगे तो जल्दी ही नौकरी मिलेगी। हालांकि, आज का समय स्कील्स का हो गया है। अगर आज के समय में पढ़ाई जरूरी है तो उतनी ही स्कील्स भी जरूरी है। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि खुद टॉपर कह रही है। हाल ही में, डीयू की एक छात्रा ने आपबीती बताते हुए साझा किया है कि अच्छे नंबर और पढ़ाई में नंबर वन होने के बाद भी उसे नौकरी तो दूर बल्कि एक इंटर्नशिप तक नहीं मिल पा रही है। सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए उसने अपना दर्द शेयर किया है। तो आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है।

टॉपर को नहीं मिल रही है इंटर्नशिप

हम बात कर रहे हैं हंसराज कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा बिस्मा की। बिस्मा इंग्लिश ऑनर्स की स्टूडेंट है। साथ ही कॉलेज की टॉपर भी है। पूरे कॉलेज में उनकी वाहवाही होती है, लेकिन इतने अच्छे नंबर लाने के बाद भी बिस्मा को कहीं भी इंटर्नशिप नहीं मिल रही है। बिस्मा ने हाल ही में, एक सोशल मीडिया पोस्ट पर इस बात की जानकारी दी, जो देखते ही देखते वायरल भी हो गया।

बिस्मा ने सुनाई आपबीतीबिस्मा ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मैं अपनी क्लास और कॉलेज की टॉपर हूं, लेकिन मैं फिर भी बहुत दिनों से परेशान हूं क्योंकि मुझे कहीं भी इंटर्नशिप नहीं मिल रही है। अच्छे नंबर लाने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि असली मसला स्कील का होता है। अगर आपके पास स्कील हैं तो आपको नौकरी मिल जाती है, लेकिन मैंने तो अपने स्किल्स पर कभी भी काम ही नहीं किया है।”बिस्मा ने बताई माता-पिता की यह बातपोस्ट में आगे बिस्मा ने अपने कॉलेज प्रोफेसर्स और अपने माता-पिता की बातों को याद करते हुए लिखा, “बचपन से सभी ने एक ही बात कही है कि बस अच्छे से पढ़ाई करो। आगे पढ़ाई के अलावा और कुछ काम नहीं आएगा बाकी चीजें नहीं। अब जब मैं कॉलेज में पढ़ते वक्त बाहरी दुनिया में कदम रख रही हूं तो अब मुझे पता चल रहा है कि कंपनी उन लोगों को नहीं रखती है, जो अच्छे नंबर लेकर आते है, बल्कि उन लोगों को रखती है, जो अच्छे से काम कर सके।” वह आगे कहती है कि मुझे आज सच में इसी बात पर दुख हो रहा है कि कभी भी हमें स्कूल या कॉलेज में इस बात को नहीं समझाया।लोगों ने दी ऐसी प्रतिक्रियाबिस्मा की इस पोस्ट लोग जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “आपके दुख को मैं समझ सकता हूं। मैं भी इसी दौर से गुजर चुका हूं।” दूसरे यूजर ने लिखा, “पढ़ाई में ठीक-ठाक रहना चाहिए और स्कील्स भी सीखनी चाहिए क्योंकि वह काम आता है।” एक और यूजर ने लिखा, “आपकी सारी बात सही है। बिस्मा कोशिश करते रहो।”

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