नरेंद्र मोदी सरकार की वक्फ बिल का समर्थन करने पर जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। विपक्षी कांग्रेस और आरजेडी इस पर चुटकी ले रही है। पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने बीजेपी और नीतीश कुमार पर आक्षेप लगाए हैं। लेकिन जदयू ने उन लोगों को कम प्रभाव वाला करार दिया है। पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह जदयू छोड़ने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें छोटा नेता बताया है। उन्होंने राजद पर भी हमला किया है। वक्फ संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पास हो गया है। अब राष्ट्रपति की मंजूरी से यह कानून बन जाएगा।
ललन सिंह ने पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की हैसियत बताते हुए कहा है कि कौन गया है, जिसका भारी प्रचार हो रहा है क्या वे बहुत सीनियर लीडर हैं। मालूम है कि 2020 में किस पार्टी से चुनाव लड़े थे। पतंग चुनाव चिन्ह पर ढाका से विधानसभा का चुनाव लड़े थे और मात्र 499 वोट आया था। बड़का भारी नेता हैं। आरजेडी के नेताओं को वक्फ बोर्ड समझ में ही नहीं आता है तो कौन समझाएगा। इन लोगों को लालू जी के भाषण पर भी ना बोलना चाहिए। लालू यादव के एक वीडियो की याद दिलाते हुए ललन सिंह लोकसभा में अपने स्पीच के दौरान दहाड़ते और विरोधियों पर गर्जना करते नजर आए।
दरअसल वक्फ बिल का समर्थन करने पर पार्टी के कई मुस्लिम नेता नाराज है। अबतक आधा दर्जन इस्तीफे की खबर आ चुकी है जिनमें कासिम अंसारी, नदीम अख्तर, शाहनवाज मल्लिक, राजू नैय्यर, तबरेज सिद्दीकी शामिल हैं। इनके अलावे नवादा के जिला सचिव फिरोज खान ने भी त्यागपत्र दे दिया है।
इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी कहा कि इस्तीफा देने वाले चेहरे बड़े नहीं हैं। उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि इन लोगों को कोई ठीक से जानता भी नहीं। विजय चौधरी ने इस्तीफा देने वाले नेताओं पर टिप्पणी की। विधायक गोपाल मंडल ने भी पार्टी छोड़ने वाले नेताओं पर निशाना साधा।