अमेरिकी जिला अदालत ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि उसने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल को समन की तामील करवा दी थी। यह घटना तब सामने आई जब डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फरवरी 2025 में अमेरिका की यात्रा पर थे। अदालत ने पाया कि समन की तामील उचित रूप से नहीं हुई, जैसा कि कानूनन आवश्यक था। इस फैसले ने भारत के रुख को मजबूत किया है कि डोभाल को कोई समन नहीं दिया गया था।
पन्नू के वकील की ओर से अदालत को भेजे गए एक पत्र के जवाब में, न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले की अदालत के एक न्यायाधीश ने कहा कि “शिकायत होटल मैनेजमेंट, स्टाफ, या डोभाल की सुरक्षा में तैनात किसी अधिकारी या एजेंट को नहीं सौंपी गई, जैसा कि अदालत के आदेश में आवश्यक था।” अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि डोभाल को समन की तामील उनके अमेरिका प्रवास के दौरान पूरी नहीं हुई थी।
ब्लेयर हाउस में सुरक्षा एजेंटों ने समन सौंपने नहीं दिया
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्र में यह भी खुलासा किया गया कि अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के एजेंटों ने समन की तामील नहीं होने दी। बता दें कि अपने अमेरिका दौरे पर पीएम मोदी सहित पूरा भारतीय प्रतिनिधिमंडल वॉशिंगटन डीसी स्थित ब्लेयर हाउस में ठहरा हुआ था। यहां की सुरक्षा अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के एजेंट कर रहे थे। इसी दौरान पन्नू ने अपने लोगों को कोर्ट का समन लेकर भेजा ताकि वह NSA अजीत डोभाल को दे सके। लेकिन US एजेंटों ने पन्नू द्वारा भेजे गए शख्स को समन देने से रोक दिया। रिपोर्ट के अनुसार, जब समन देने वाला व्यक्ति ब्लेयर हाउस के बाहर जमीन पर समन रखने की कोशिश कर रहा था, तो सुरक्षा एजेंटों ने उसे ऐसा करने से मना कर दिया और गिरफ्तार करने की चेतावनी दी। इसके बाद, समन देने वाले शख्स ने नजदीकी स्टारबक्स स्टोर पर दस्तावेज छोड़ दिए और सीक्रेट सर्विस एजेंटों को इसकी सूचना दी। हालांकि, अदालत ने इसे समन की वैध तामील नहीं माना। अमेरिकी अदालत ने पिछले साल सितंबर में यह समन जारी किया था।
समन का मामला और भारत की प्रतिक्रिया
पन्नू खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस नामक संगठन का प्रमुख है और उसे भारत ने आतंकवादी घोषित किया है। उसने पिछले साल सितंबर में न्यूयॉर्क की एक अदालत में एक सिविल मुकदमा दायर किया था। इस मुकदमे में पन्नू ने दावा किया था कि भारत सरकार ने उसके खिलाफ हत्या की साजिश रची थी, जिसमें भारतीय एजेंट विकास यादव को जिम्मेदार ठहराया गया था। इस मामले में भारत सरकार ने जांच शुरू की और यादव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की थी।
कैसे हुई समन देने की कोशिश?
पन्नू ने दावा किया था कि उन्होंने डोभाल को समन तामील करवाने के लिए दो प्रक्रिया सर्वर और एक जांचकर्ता को नियुक्त किया था, जो वाशिंगटन डीसी में पीएम मोदी की यात्रा के दौरान सक्रिय थे।