चीनी Z-10 के आगे कहां ठहरता है भारत का प्रचंड, जिसकी 156 यूनिट खरीद रही मोदी सरकार

156 एलसीएच प्रचंड खरीदेगा भारत

भारत ने हवाई ताकत में इजाफे के लिए 156 प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दे दी है। इन हेलीकॉप्टरों को भारतीय वायु सेना के लिए खरीदा जा रहा है। प्रचंड भारत का स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर है, जिसे खासतौर पर चीन का मुकाबला करने के लिए बनाया गया है। चीन ने भी ऐसा ही एक अटैक हेलीकॉप्टर जेड-10 का निर्माण किया है। जानें प्रचंड और जेड-10 में तुलना

भारत का स्वदेशी हेलीकॉप्टर है प्रचंड

एलसीएच प्रचंड भारत का स्वदेशी मल्टीरोल हल्का अटैक हेलीकॉप्टर है। इसे प्रोजेक्ट एलसीएच के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने डिजाइन और निर्मित किया है।

सबसे अधिक ऊंचाई पर उड़ने वाला हेलीकॉप्टर

एलसीएच प्रचंड की उड़ान सीमा दुनिया के सभी लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की तुलना में सबसे ऊंची है।

एलसीएच प्रचंड को बनाने की कैसे मिली प्रेरणा

एलसीएच प्रचंड के विकास के लिए असली प्रेरणा कारगिल युद्ध से मिली, जो 1999 में भारत और पड़ोसी पाकिस्तान के बीच लड़ा गया था।

एलसीएच प्रचंड ने कब भरी पहली उड़ान

29 मार्च 2010 को पहले एलसीएच प्रोटोटाइप ने अपनी पहली उड़ान भरी।

,सियाचिन में उतरने वाला पहला हेलीकॉप्टर

अपने परीक्षणों के दौरान, एलसीएच ने सियाचिन में उतरने वाला पहला हमला हेलीकॉप्टर होने का गौरव प्राप्त किया, जो बार-बार कई ऊंचाई वाले हेलीपैडों पर उतरा, जिनमें से कुछ 13,600 से 15,800 फीट (4,100 से 4,800 मीटर) तक ऊंचे थे।

थल सेना और वायु सेना की ताकत है प्रचंड

एलसीएच प्रचंड का आर्डर भारतीय वायु सेना और भारतीय थल सेना ने दिया है।

चीन का कॉम्बेट हेलीकॉप्टर है Z-10

Z-10 नया चीनी लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। इसका विकास 1990 के दशक के मध्य में शुरू हुआ। चीन ने इसे यूरोकॉप्टर और अगस्ता की व्यापक तकनीकी सहायता से डिजाइन किया है।

रूस के दम पर चीन ने बनाया Z-10

दावा किया जाता है कि Z-10 के विकास में रूसी कामोव हेलीकॉप्टर डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा सहायता प्रदान की गई है।

2003 में Z-10 ने भरी पहली उड़ान

Z-10 के प्रोटोटाइप ने 2003 में अपनी पहली उड़ान भरी।

चीनी वायु सेना करती है Z-10 का इस्तेमाल

वर्तमान में Z-10 गनशिप का उपयोग चीनी वायु सेना व्यापक रूप से करती है।

चीन ने पाकिस्तान को बेचे हैं Z-10 हेलीकॉप्टर

यह हेलीकॉप्टर पाकिस्तान को निर्यात किया गया है। 3 हेलीकॉप्टरों का पहला बैच 2015 में वितरित किया गया था।

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