फिर प्रधानमंत्री बनेंगी शेख हसीना… आवामी लीग के नेता के दावे से बांग्लादेश में चढ़ा सियासी पारा, समझें

बांग्लादेश बीते करीब साल भर से हिंसा की ‘आग’ में जल रहा है. तमाम दावों के बाद भी वहां की मौजूदा अंतरिम सरकार हालात पर काबू पाती नहीं दिख रही है. हालात ऐसे हो चले हैं कि जिन छात्र नेताओं ने देश की पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन चलाते हुए मोहम्मद यूनुस को सत्ता में लाए अब वो ही उनके खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं. इन सब के बीच देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर आवामी लीग के वरिष्ठ नेता डॉ. रब्बी आलम ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि शेख हसीना एक बार फिर देश की पीएम बनने वाली हैं. रब्बी आलम के इस बयान में बांग्लादेश में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है. 

देश के युवाओं से गलती हुई’
रब्बी आलम ने कहा कि पिछले साल देश के युवाओं ने जो शेख हसीना सरकार के खिलाफ किया वो उनकी सबसे बड़ी गलती थी. हमें लगता है कि युवाओं से गलती हो गई है. उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर भी चिंता व्यक्त की है. रब्बी ने कहा कि बांग्लादेश पर हमला हो रहा है और इसे अंतरराष्ट्रीय बिरादरी द्वारा संबोधित किए जाने की जरूरत है. राजनीतिक विद्रोह तक तो ठीक है लेकिन बांग्लादेश में ऐसा नहीं हो रहा है. यह एक आतंकवादी विद्रोह है. 

भारत का जताया आभार’
रब्बी आलम ने भारत का भी आभार जताया है. उन्होंने दावा किया है कि उनके कई नेता भारत में शरण लिए हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस मदद के लिए हम भारत का शुक्रिया अदा करते हैं. 

आपको बता दें कि बीते दिनों बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की यूनुस सरकार पर की गई सख्त टिप्पणी बांग्लादेश को रास नहीं आई थी. और ढाका ने नई दिल्ली से कहा था कि वह शेख हसीना को भारत में रहते हुए ‘झूठी और मनगढ़ंत’ टिप्पणियां करने से रोके. अब इस पर भारत का बयान आया है. भारत ने कहा है कि शेख हसीना ने ये बयान खुद दिया है और भारत का इससे कोई लेना-देना नहीं है.  

बांग्लादेश को दी थी सीख
भारत ने कड़े शब्दों में कहा था कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की  टिप्पणियां उनकी व्यक्तिगत क्षमता में की गई हैं, इसमें भारत की कोई भूमिका नहीं है. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए, विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक बयान में बताया था कि शेख हसीना की व्यक्तिगत क्षमता में की गई टिप्पणियों को भारत की स्थिति के साथ मिलाना द्विपक्षीय संबंधों के लिए अच्छा नहीं है.

यह बताया गया था कि भारत बांग्लादेश के साथ सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध चाहता है, जिसे हाल की उच्च स्तरीय बैठकों में कई बार दोहराया गया है. हालांकि, यह अफसोसजनक है कि बांग्लादेश के अधिकारियों द्वारा दिए गए नियमित बयान भारत को नकारात्मक रूप से चित्रित करते हैं, हमें आंतरिक शासन के मुद्दों के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं. 

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