पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में आतंकवादियों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद चर्चा में आए भारतीय सेना के पैरा कमांडो इस वक्त अमेरिका में हैं. भारत के पैरा कमांडो अमेरिका की एलीट फोर्स ग्री बेरेट्स के साथ मिलकर अमेरिका में हो रहे युद्धाभ्यास में भाग ले रहे हैं. ग्रीन बेरेट्स भारतीय पैरा कमांडो की तरह ही अमेरिकी स्पेशल फोर्स है. ये अमेरिका के हमले के बाद अफगानिस्तान में तैनात होने वाले पहले अमेरिकी सैनिक थे.
बता दें कि भारत और अमेरिका के स्पेशल फोर्स “थंडरबोल्ट अटैक” या “वज्र प्रहार” के नाम से हो रहे वार्षिक युद्धाभ्यास का हिस्सा हैं. जिसमें भारत के 45 स्पेशल फोर्स के कमांडो भाग ले रहे हैं.
भारत की पैराशूट रेजिमेंट स्पेशल मिलिट्री फोर्स
भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट में कुल 14 बटालियन हैं. जिसमें 9 स्पेशल फोर्स (एसएफ) और पैरा एयरबोर्न यूनिट शामिल है. स्पेशल फोर्स की हर यूनिट में तैनात कमांडो की अपनी खास भूमिका होती है. जिन्हें युद्ध के दौरान प्रतिकुल परिस्थितियों में काम करने का कठोर प्रशिक्षण दिया जाता है. बता दें कि भारत के पैरा रेजिमेंट के लिए अलग से भर्ती नहीं होती है. इन्हें भारतीय सेना और विभिन्न अर्द्धसैनिक बलों से ही चुना जाता है और कड़ी ट्रेनिंग के बाद इनमें कुछ ही पैरा कमांडो बनते हैं.
कई युद्धों में ऑपरेशन को दिया अंजाम
भारतीय पैरा रेजिमेंट के जवानों ने भारत की बाहर दूसरे देशों में कई ऑपरेशन को अंजाम दिया है. 1965 और 1971 की पाकिस्तान के साथ युद्ध में पैरा कमांडो ने कई ऑपरेशन्स को अंजाम दिया. वहीं, 1987 में इस यूनिट की तैनाती भारतीय शांति सेना के हिस्से के तौर पर श्रीलंका में तैनाती हुई थी. इसके अलावा मालदीव के प्रधानमंत्री को तख्तापलट से बचाने के लिए 1988 में ऑपरेशन कैक्टस को भी अंजाम दिया था.
पीओके में आतंकवादियों पर किया सर्जिकल स्ट्राइक
2016 में उरी में सैना के कैंप में हुए आतंकी हमले में 19 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. जिसका बदला लेने के लिए पैराशूट रेजिमेंट की इसी यूनिट को जिम्मेदारी दी गई थी. इसके बाद पैरा कमांडो की यूनिट ने पीओके में घूसकर आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया. जिसकी दुनिया भर में चर्चा होती है.
अमेरिकी ग्रीन बेरेट्स् ने भी बड़े ऑपरेशन को दिया अंजाम
भारत की पैराशूट रेजिमेंट की तरह अमेरिका के ग्रीन बेरेट्स ने भी कई बड़े सैन्य ऑपरेशन को अंजाम दिया है. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 9/11 के हमले के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ ग्रीन बेरेट्स को ही तैनात किया था. वहीं इसकी पहली यूनिट ने घोड़ों पर सवार होकर पहाड़ी इलाके में सैन्य अभियान को अंजाम दिया था और नॉर्दर्न एलायंस के साथ मिलकर तालिबान को उखाड़ फेंका था.