69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने फैसला सुना दिया है. शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द होने से उत्तर प्रदेश सरकार को तगड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने योगी सरकार को 69000 सहायक अध्यापक भर्ती की मेरिट लिस्ट नए सिरे से तीन महीने में तैयार करने का भी आदेश दिया है.
वहीं हाई कोर्ट के आदेश के बाद कल रविवार (18 अगस्त) को CM योगी आदित्यनाथ ने बड़ी बैठक बुलाई है, मुख्यमंत्री आवास पर यह बैठक कल शाम होगी. शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ CM योगी बैठक करेंगे और शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर बैठक में चर्चा करेंगे. इस दौरान शिक्षा मंत्री समेत विभाग के सभी अफसर मौजूद रहेंगे.
शिक्षा विभाग की बैठक में मंत्री समेत सभी अधिकारी मौजूद रहेंगे. बता दें कि हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद विपक्ष हमलावर है. राहुल गांधी समेत अखिलेश यादव ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पिछड़े और दलित वर्ग के असफल अभ्यर्थियों ने फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि नई मेरिट लिस्ट में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हो जाएगा.
शिक्षक अभ्यर्थियों की मुख्यमंत्री योगी सुनेंगे गुहार?
अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए आदेश पर अमल करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को अब कानूनी पेचीदगियों में उलझाने नहीं जाए. मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने के बजाय हाईकोर्ट की तरफ से आए फैसले पर सरकार अमल करे. अभ्यर्थियों ने शिक्षक दिवस से पहले चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र उपलब्ध कराने की मांग की.
हाईकोर्ट के फैसले पर UP की सियासत में उबाल
सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत राहुल गांधी ने भी हाईकोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी. अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षक भर्ती भी आखिरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई. उन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर अभ्यर्थियों की लड़ाई को समर्थन देने की घोषणा की. राहुल गांधी ने भी कहा कि सहायक शिक्षकों की भर्ती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आरक्षण व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वाली बीजेपी सरकार की साजिशों को करारा जवाब है.