चक्रवात ‘दाना’ ओडिशा के तट से टकरा गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के अनुसार, चक्रवाती तूफान दाना के लैंडफाल की प्रक्रिया गुरुवार रात को शुरू होकार शुक्रवार सुबह तक जारी रहने की उम्मीद है। शुक्रवार सुबह तक लैंडफाल की प्रक्रिया करीब चार से पांच घंटे तक चलेगी। उस वक्त हवा की रफ्तार लगभग 120 किमी प्रति घंटे रहने की आशंका है। ऊंची लहरों के चलते तटीय इलाकों में दो-तीन किलोमीटर अंदर तक पानी आ सकता है। अगले 24 घंटे अतिरिक्त सुरक्षा बरतने की सलाह दी गई है। ऐसे में विभिन्न समुद्री तटों पर एहतियात के तौर पर धारा 144 लगा दी गई है।इसके अलावा, पारादीप से इरसामा सियाली तक समुद्र तट पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।
चक्रवात दाना पर सीएम हेमंत सोरेन का आया बयान
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले 24 घंटों से हम दाना चक्रवात की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मैं खुद इस मुद्दे पर हर घंटे की जानकारी ले रहा हूं। अभी मिल रही जानकारी के अनुसार बंगाल की खाड़ी से उठा दाना चक्रवात के कुछ घण्टों में धीमा पड़ने का अनुमान है। मुख्यतः पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सराईकेला-खरसावां जिलों में एहतियात के तौर पर कई कदम भी उठाए गए। आप सभी से अपील है कि प्रशासन के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।
बालेश्वर में आश्रय स्थल पर लोगों का रखा जा रहा ख्याल
बालेश्वर जिला के विभिन्न आश्रय स्थलों में चक्रवर्ती तूफान के चलते वहां पर रहने वाले लोगों के बीच मुफ्त में ऑर्स पाउडर तथा विभिन्न प्रकार की विटामिन की टैबलेट बांटे गए। इसके साथ ही उक्त आश्रय स्थलों में ब्लीचिंग पाउडर डेटॉल इत्यादि का छिड़काव किया गया।
IMD के महानिदेशक का आया बयान
IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने चक्रवात दाना पर कहा कि यह धीरे-धीरे अभी उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ सकता है और आज शाम तक यह कमजोर होते हुए एक गहरे दबाव में बदल जाएगा। लेकिन बारिश जारी रहेगी, भारी से बहुत भारी बारिश अभी हो रही है। मयूरभंज, भद्रक, बालासोर, केओन्झार में बारिश होगी।
क्यों पड़ा चक्रवात दाना कमजोर?
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र की निदेशिका मनोरमा महांति से मिली जानकारी के मुताबिक दो एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन के लिए दाना के लैंडफाल प्रक्रिया में देरी हुई है। चक्रवात जब तट की तरफ आगे बढ़ा तो दो एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन गया था।इसका मतलब है चक्रवात के दोनों तरफ पूर्व एवं पश्चिम दिशा में दो दबाव का क्षेत्र बन गए थे। ये दोनों तरफ से चक्रवात दाना को दबा दिए। इसके अलावा, गर्त से निकलने वाली शुष्क हवा चक्रवात दाना में प्रवेश कर गई।उन्होंने बताया कि इसके कारण चक्रवात दाना कमजोर पड़ गया और इसकी गति थोड़ी धीमी हो गई।