चांद से समंदर तक भारत… जयशंकर ने बताया- आखिर हम मार्शल आइलैंड में करने क्या वाले हैं?

भारत और मार्शल द्वीप गणराज्य  के बीच सोमवार (15 जुलाई, 2024) को अहम समझौता हुआ है, जिसके तहत हिंद-प्रशांत देश में चार परियोजनाएं विकसित की जाएंगी. इन योजनाओं के संबंध में एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर आयोजित सिग्नेचर प्रोग्राम में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने परस्पर एकजुटता और सहयोग बढ़ाने का संदेश दिया. 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘मार्शल द्वीप गणराज्य में चार सामुदायिक विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए MOU पर हस्ताक्षर का अवसर खुशी देने वाला है, क्योंकि इसकी मदद से मार्शल आइलैंड को काफी फायदा होगा और ये उसके बुनियादी ढांचे के विकास का भी आधार बनेगा.

परियोजनाओं में क्या है शामिल?

भारत इन परियोजाओं के तहत मार्शल आइलैंड में  सामुदायिक खेल केंद्र, एयरपोर्ट टर्मिनल और सामुदायिक भवनों का भी निर्माण करेगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रशांत क्षेत्र के द्वीप छोटे नहीं बल्कि बड़े महासागरीय देश है और भारत इन द्वीपों के समर्थन को अपनी जिम्मेदारी समझता है. जयशंकर ने वीडियो मैसेज के जरिए 10वें माइक्रोनेसियन गेम्स के सफल आयोजन के लिए भी मार्शल द्वीप गणराज्य को बधाई दी. 

‘संबंधों का लंबा है इतिहास’

विदेश मंत्री बोले, ‘भारत और मार्शल द्वीप गणराज्य की दोस्ती का लंबा इतिहास है और गुजरते वक्त के साथ इसमें विस्तार हुआ है.’ उन्होंने  FIPIC शिखर सम्मेलन के दौरान प्रशांत द्वीप समूह के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता का भी जिक्र किया. 

क्या हैं चुनौतियां?

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘प्रशांत द्वीप समूह में जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाएं, गरीबी और हेल्थ सर्विस आम चुनौतियां हैं, जिनका हमें मिलकर समाधान करना चाहिए और भारत को इस संबंध में प्रशांत द्वीप समूह का भागीदार होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. ये समझौता काफी अहम है जो मार्शल द्वीप गणराज्य के लोगों को बेहतर बुनियादी ढांचा प्रदान करने में मदद करेगा. स्वास्थ्य सेवा और उससे संबंधित बुनियादी ढांचे, सस्ती दवाओं, शिक्षा, साफ पानी और जीवनशैली को बेहतर बनाने की जरूरतों को भी समय के साथ पूरा किया जाएगा.’ 

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