अखिलेश यादव के साथ पहली बार मंच पर दिखे अजय राय, जमकर हुई थी जुबानी जंग, सपा प्रमुख ने बताया था चिरकुट

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को आगरा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल हुए. सपा नेता ने इस दौरान दोनों पार्टियों के मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही और बीजेपी को हराने का आह्ववान किया. अखिलेश यादव जब राहुल गांधी के साथ मंच पर थे, तो दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी मौजूद थे. कभी इन दोनों नेताओं के बीच जबरदस्त जुबानी जंग भी देखने को मिली थी. अखिलेश यादव ने अजय राय को चिरकुट तक बता दिया था. 

दरअसल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी थी, जिसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बुरी तरह भड़क गए थे, यही नहीं उन्होंने कांग्रेस पार्टी को धोखेबाज तक बता दिया था, जिसके बाद अजय राय ने उन्हें उत्तराखंड में हुए बागेश्वर उपचुनाव की याद दिलाते हुए आरोप लगाया कि सपा की वजह से इस सीट पर कांग्रेस की हार हुई. 

अजय राय को कहा था चिरकुट नेता 
अजय राय की बात पर सपा अध्यक्ष बुरी तरह भड़क गए थे. उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि प्रदेश अध्यक्ष की कोई हैसियत नहीं है वो इंडिया गठबंधन की बैठक में नहीं थे, इसलिए उन्हें गठबंधन की जानकारी नहीं है. अखिलेश यादव ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि आप चिरकुट नेताओं से हमारी पार्टी के बारे में बयान न दिलवाएं. 

सपा-कांग्रेस के बीच अब परिस्थितियां काफी बदल गईं हैं. यूपी में दोनों दल मिलकर बीजेपी का मुक़ाबला करेंगे. कांग्रेस यूपी की 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो वहीं अब यूपी में इंडिया गठबंधन के साथ कुछ और लोगों के भी जुड़ने के क़यास लग रहे हैं. रविवार को सपा अध्यक्ष राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल हुए. इस दौरान यात्रा में भारी भीड़ दिखाई दी. सपा और कांग्रेस के पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपनी पार्टी के नेताओं के समर्थन में नारे लगाए. 

आगरा में रोड शो के दौरान राहुल और अखिलेश ने हाथ हिलाकर भीड़ का अभिवादन स्वीकार किया. उनके साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं. अखिलेश यादव ने इस दौरान ‘भाजपा हटाओ, संकट मिटाओ’ का नारा दिया और कहा, “आज लोकतंत्र और संविधान संकट में है. भाजपा सरकार लोकतंत्र खत्म कर रही है. संविधान विरोधी काम कर रही है. बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने संविधान में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों को जो हक दिया था उसे भाजपा सरकार ने छीना है. आज देश के सामने लोकतंत्र और संविधान बचाने की चुनौती है.”

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