सौदेबाजी के चलते अटक रहा दल-बदल का खेल, दूसरी पार्टी में जाने से पहले दी जा रही वादों की लिस्ट 

मध्य प्रदेश में कई नेताओं ने दल-बदल का मन बना लिया है लेकिन उनके कदम सौदेबाजी के कारण थमे हुए हैं. जिस नेता का सौदा पट जाएगा वह दल-बदल करने में हिचक नहीं दिखाएगा. राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 17 नवंबर की तारीख तय कर दी है और राजनीतिक दल उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाने में जुटे हैं. बीजेपी अब तक चार सूचियां जारी कर चुकी है और इसके जरिए 230 विधानसभा सीटों में से 136 के लिए उम्मीदवारों के नाम भी तय कर चुकी है. अब सिर्फ 94 उम्मीदवारों के नाम की सूची आनी शेष रह गई है.

कांग्रेस में उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा चल रही है और श्राद्ध पक्ष के बाद सूची आने की संभावना जताई जा रही है. राज्य में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी उम्मीदवारों की सूची लगातार जारी कर रही है.

बगावत कर सकते हैं कांग्रेस और बीजेपी के कई नेता
इस बीच कांग्रेस और बीजेपी में कई दावेदार ऐसे हैं, जो पार्टी की सूची में नाम न आने पर बगावत का झंडा बुलंद कर सकते हैं. कई नेताओं की तो दूसरे दलों के प्रमुख नेताओं से बातचीत भी चल रही है. कई दावेदारों ने दूसरे दल से सौदा यह कहते हुए करना शुरू कर दिया है कि वे दल-बदल तभी करेंगे, जब उन्हें उम्मीदवारी का पूरा भरोसा दिला दिया जाएगा. 

दावेदारों की सौदेबाजी के कारण ही कई क्षेत्रों के उम्मीदवारों का फैसला राजनीतिक दल नहीं कर पा रहे हैं और संभावना इसी बात की है कि जब सौदेबाजी हो जाएगी तभी दल-बदल करने वाले नेताओं के क्षेत्र के उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी होगी. 

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