इंदौर में हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 108 चुनिंदा शख्सियतों का लंच होस्ट किया गया। 45 मिनट के इस लंच की 2 महीने तक तैयारी की गईं। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर (BCC) मैनेजमेंट से लेकर सरकार तक ने देशभर की 500 से ज्यादा डिशेज चुनीं। इनके लिए स्पेशल शेफ ढूंढे गए। लंच में करीब 36 डिश परोसी गईं। इसमें गुजराती, राजस्थानी, मालवी, साउथ इंडियन और नॉर्थ इंडियन डिशेस शामिल की गईं।
लंच को खास बनाने की कहानी…
इस लंच को फाइनल करने वाले, इसे बनाने वाले और लंच में शामिल हुए लोगों से बातचीत की। इस ‘मेगा लंच’ के बारे में जब शेफ और स्टाफ को बताया गया तो वे चौंक गए। यह बताया कि सिर्फ प्रधानमंत्री ही नहीं, राष्ट्रपति, विदेश मंत्री, मुख्यमंत्री की तरफ से अलग-अलग लंच और डिनर दिए जाएंगे, लेकिन प्रधानमंत्री का भोज खास होना चाहिए।
इसके बाद शुरू हुई इस लंच को खास बनाने के लिए डिशेज की खोज…। अक्टूबर में सरकार से लेकर एक्सपर्ट शेफ तक इसकी लिस्टिंग में लग गए। चैलेंज था कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन में क्या परोसा जाए, वो आइटम्स क्या-क्या होंगे और उसमें प्रधानमंत्री मोदी के होस्ट लंच को कैसे अलग बनाया जाए।
इंदौर के सराफा से लेकर मध्यप्रदेश के मालवा-बघेलखंड और गुजरात-राजस्थान समेत देश के अन्य राज्यों की खास डिशेज को लिस्टेड किया गया। इनकी संख्या 500 के करीब पहुंच गई थी। ये लिस्ट प्रवासी भारतीय सम्मेलन के तीन दिन के कुल पांच लंच व डिनर के लिए थी। इसे अलग-अलग दिनों में बांटना शुरू कर दिया गया, ताकि न किसी टाइम में मीठा ज्यादा हो न कभी तीखा। हर टाइम पूरे देश का मिक्स टेस्ट मिलना चाहिए, इसी हिसाब से डिशेज को बांट दिया गया। मीनू की यह लिस्ट केंद्र सरकार को भेजी गई। वहां से फाइनल मीनू आया जिस पर दो महीने तक काम चला। इनमें से करीब 36 डिशेज प्रधानमंत्री के लंच के लिए अलग कर दी गईं।
अब रीजन और राज्यवार पकवान जान लीजिए…
मालवा-निमाड़…
मालवी दाल बाफला
सराफा की ड्राय फ्रूट शिकंजी
सराफा का भुट्टे का किस
रतलामी गराड़ू
हॉफ मून शेप का दही चांदिया
गुजरात…
सेंव खमानी (खमण, अनारदाना, बारीक सेंव स्पाइसी में)
गुजराती आलू
लच्छा केसर मोहनथाल
सूरती उंधियू (मिक्स वेजीटेबल)
राजस्थान…
राजस्थानी खिचड़ा गुड़ और घी के साथ
उत्तर प्रदेश…
लखनऊ का पनीर अवधी कोरमा
रीजनल डिशेज…
झाबुआ स्पेशल में अफीम की भाजी (साग)
रीवा स्पेशल में कढ़ी
रीवा की कढ़ी, रतलाम के गराड़ू
मीनू में रीजनल और लोकल टेस्ट का खास ध्यान रखा गया। इसके लिए इंदौर की शिकंजी और रीवा की कढ़ी शामिल की गई। स्नेक्स में रतलामी गराड़ू थे। अवधि टेस्ट के लिए लखनऊ का पनीर और अवधि कोरमा भी था। इसी तरह नॉर्थ और साउथ इंडियन भोजन भी शामिल किया गया।
हर रीजनल डिश के लिए एक्सपर्ट शेफ
साउथ और नॉर्थ इंडियन के अलावा गुजराती, राजस्थानी, मालवी और अन्य रीजनल डिशेज के लिए उसके स्वाद को समझने वाले शेफ ही लगाए गए। BCC के हेड शेफ ने कहा कि हमारे पास अलग अलग राज्यों के 6 शेफ हैं जो अपने क्षेत्र की डिशेज में एक्सपर्ट हैं। वे डिश टेस्ट के साथ उसकी इम्पोर्टेंस को जानते हैं।
मोटे अनाज को प्रमोट कर परोसी राजगिरा की पूड़ी
प्रधानमंत्री के लंच में देश के मोटे अनाज को भी खासतौर पर प्रमोट किया गया। इसलिए इस इवेंट में मोरधन की खिचड़ी, राजगिरा की पूड़ी, सावा की खीर और कुट्टू की रोटी भी रखी गई थी।
लंच से पहले तीन दिन तक चली रिहर्सल
प्रधानमंत्री के लंच डिशेज को लीड कर रहे BCC के हेड शेफ धर्मेंद्र ने बताया प्रधानमंत्री के लंच से पहले खासतौर पर लोकेशन रिहर्सल की गईं। 5, 6 और 7 जनवरी को सर्विस स्टाफ को लोकेशंस बता दी गईं। उसी हिसाब से मेन टू मेन वर्किंग प्रोसेस चेक हुई कि किस तरह खाना परोसा जाएगा। इस दौरान टाइमिंग का खास ख्याल रखना था क्योंकि 45 मिनट में टाइम टू टाइम खाना परोसा जाना था।
SPG ने हर सब्जी, हर आइटम बार-बार चेक किया और चखा
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात SPG ने हर सब्जी और हर स्टोरेज को बार-बार चेक किया। यहां तालमेल बैठाकर टाइम पर सर्विस देना, स्टाफ के लिए सबसे बड़ा चैलेंज था। PM को परोसे गए हर खाने को तय प्रोटोकाल के मुताबिक चखा गया और टेस्ट देखा गया।
गर्म खाना परोसने के लिए पहली बार इतनी बड़ी सिल्वर सर्विस
फ्रांस में प्रचलित सिल्वर सर्विस का जिक्र करते हुए शेफ धर्मेंद्र ने दावा किया कि इंदौर में पहली बार इतनी VIP सिल्वर सर्विस की गई। सबसे बड़ा चैलेंज था एक साथ 108 लोगों की टेबल पर एक समय में टाइम टू टाइम खाना पहुंचाना, वो भी गरमा गरम। इसके लिए भी अलग से रिहर्सल की गई। जैसे सबसे पहले एक साथ 108 लोगों को कोल्ड आइटम्स पहुंचाया गया। फिर सूप, फिर स्टार्टर, मेन कोर्स और डेजर्ट…।
प्रवासी सम्मेलन के लिए एक हजार का सर्विस स्टाफ तैनात
प्रवासी सम्मेलन के लिए 8 से लेकर 10 तारीख तक में एक हजार से अधिक शेफ और सर्विस स्टाफ तैनात किया गया। जितने हॉल में भोजन दिया जाना था, वहां तीन सुपरवाइजर्स पर एक मैनेजर तैनात किया गया। PBD-GIS नाम से एक वॉट्सअप ग्रुप पर 30 मैनेजर्स से हर अपडेट्स ली जाती रहीं।
सर्विस स्टाफ बोला- सुबह 4 बजे आते थे, 10 बजे जाते थे
BCC के कुकिंग स्टाफ से भी बातचीत की। उन्होंने बताया हम सुबह 4 बजे आते थे, रात को 10 से 11 बजे जाते थे। पर मजा आया। ऐसी सर्विस का मौका पहले कभी नहीं आया था। बहुत कुछ सीखा भी..।
प्रधानमंत्री के लंच में दो राष्ट्रों के प्रमुख, 27 अवॉर्डी के अलावा चुनिंदा गेस्ट शामिल थे। इनमें से एक संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से आए NRI जितेंद्र वैद्य कहते हैं कि जब मुझे पता चला कि मोदीजी के साथ लंच करना है तो जो फील किया वो बता नहीं सकता। लंच की हर डिश की अपनी अलग बात थी। मालवी थी, गुजराती थी, किसे खास कहूं। प्रधानमंत्री का आभा मंडल ही ऐसा था जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
भीलवाड़ा के शारदा ग्रुप पौलेंड के सीईओ और प्रवासी भारतीय सम्मान के अवॉर्डी अमित लाठ भी इस लंच में शामिल हुए।
PM नरेंद्र मोदी के लंच में ऐसे समाया देश का स्वाद…