नई दिल्ली, कई ऐसे रोचक तथ्य या फिर कहानियां रची नहीं जाती बल्कि हकीकत होती हैं। साल 2004 में वह जेट एयरवेज की एक फ्लाइट में बैठे संजीव कौल के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। कौल कहते हैं कि वह प्लेन में अपनी सीट 2एफ पर बैठकर पीपीटी देख रहे थे कि कहां गलती हुई तभी जहाज में सन्नाटा पसर गया।
क्रिस कैपटिल के पार्टनर संजीव कौल ने एक लिंक्डिन पोस्ट में 2004 में जेट एयरवेज की एक उड़ान के दौरान हुई घटना का जिक्र किया है। यह कहानी Advinus Therapeutics की है। जिस कंपनी का प्रमोटर टाटा ग्रुप है। हालांकि, इस स्टार्टअप को टाटा से फंडिंग मिलने की कहानी किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लगती। संजीव कौल ने अपनी पोस्ट में भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के साथ उनकी एक मुलाकात ने भारत से ब्रेन ड्रेन रोका और स्टार्टअप शुरू करने में मदद की।
अचानक प्लेन में पसरा सन्नाटा
साल 2004 में संजीव कौल मुंबई से दिल्ली आ रहे थे। वो यहां एक इनोवेटिव स्टार्टअप की फंडिंग के सिलसिले में किसी बड़े बिजनेस हाउस से मिलने आए थे। लेकिन उनकी यह बैठक अच्छी नहीं रही। कौल बताते हैं जब वो वापस मुंबई के लिए प्लेन में 2एफ बैठे तो पीपीटी देख रहे थे कि कहां गलती हुई। तभी जहाज में सन्नाटा पसर गया। उन्होंने देखा कि रतन टाटा उनके बगल वाली सीट 2डी पर बैठ रहे हैं। पहले वह स्तब्ध रह गए।
टाई पर जूस गिरने के बाद बदल गई जिंदगी
जहाज में यात्रा के दौरान संजीव कौल ने गलती से जूस अपनी टाई पर गिरा लिया। ये देखकर रतन टाटा ने तुरंत नैपकिन उनकी तरफ बढ़ा दिया। इस दौरान टाटा ने देखा कि कौल की आंख में आंसू हैं। जब टाटा ने उनसे पूछा तो पता चला कि वो 2 वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक स्टार्टअप शुरू करना चाह रहे थे। उन्हें अभी तक फंडिंग नहीं मिली है। कौल ने बताया कि वे वैज्ञानिक अब यूएस लौटने की तैयारी कर रहे हैं। इसके बाद जो हुआ उसने कौल की जिंदगी बदल दी। टाटा ने कौल का नंबर लिया और कहा कि जल्द ही टाटा ग्रुप से उन्हें कोई कॉल करेगा। उसी रात कौल को टाटा से संपर्क किया गया, उन्हें दोनों वैज्ञानिकों के साथ मीटिंग के लिए मुंबई बुलाया गया।
कौल ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि अब तक Advinus ने दुनियाभर के 50 वैज्ञानिकों को आकर्षित किया। यह सब एक शख्स की सोच से संभव हो पाया जिसने यह सोचा कि 2 वैज्ञानिकों को भारत में अवसर मिलना चाहिए।