नई दिल्ली: इंडियन रेलवे ने लाखों यात्रियों को बड़ी राहत दी है. पंजाब में किसान आंदोलन के चलते पिछले 50 दिनों से ट्रेनों क संचालन बंद था, जिसकी वजह से बहुत सी ट्रेनों का रूट डयवर्ट करना पड़ रहा था और हर दिन कई सारी ट्रेनें कैंसिल हो रही थी लेकिन सोमवार से रेलवे सभी पंजब रूट पर सभी ट्रेनों का संचालन करने जा रहा है. बता दें किसानों की ओर से पंजाब में सोमवार से अगले 15 दिनों तक ट्रेनों के संचालन की अनुमति दे दी गई है.
रेलवे ने ट्वीट करके दी जानकारी
मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे ने ट्वीट करके बताया कि रेलवे तैयारियों में जुट गया है. ऑपरेशन शुरू करने से पहले पंजाब में ट्रेन सर्विस री-स्टोर करने को लेकर जरूरी मेंटिनेंस और चेक वर्क का काम किया जाएगा.
रेलवे को पंजाब सरकार की तरफ से सूचना मिली है कि पैसेंजर्स और गुड्स ट्रेनों की सेवा बहाल कर दी गई है. इसके साथ ही यह ट्रैक पूरी तरह क्लियर है. इन रूट से जानी वाली ट्रेनों का संचालन आराम से किया जा सकता है.
पंजब सरकार ने लिखा रेल मंत्री को पत्र
आपको बता दें किसान पिछले कई दिनों से ट्रैक पर धरना दे रहे थे, जिसकी वजह से दो महीने से रूट पूरी तरह से ब्लॉक था. पंजाब सरकार ने रेलमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि ट्रेनों का संचालन न होने की वजह से जम्मू-कश्मीर में सेना के जवानों को जरूरी सामानों की सप्लाई करने में परेशानी होगी. इसके साथ ही पंजाब के पॉवर प्लांट को भी कोयले की सप्लाई की जरूरत है.
इस बात पर फैसला लेते हुए रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि प्रदेश में ट्रेनों का संचालन तभी बहाल होगा, जब सरकार सभी ट्रेनों की सुरक्षा को पूरी तरह से सुनिश्चित करने का काम करे.
24 नवंबर से होगा रेल रोको आंदोलन
किसानों के साथ बैठक के बाद सीएम अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया कि 23 नवंबर की रात से किसान यूनियन ने 15 दिन के लिए रेल रुकावटों को खत्म करने का फैसला लिया है. मैं इस कदम का स्वागत करता हूं, क्योंकि यह राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए सामान्य स्थिति बहाल करेगा. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से पंजाब के लिए रेल सेवाओं को फिर शुरू करने की अपील की. मुख्यमंत्री कैप्टन सिंह के साथ मुलाकात करने से पहले किसान संगठनों ने ‘रेल रोको आंदोलन’ पर विचार-विमर्श करने के लिए बैठक की. बता दें कि नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन 24 सितंबर से रेल रोको आंदोलन
इंडियन रेलवे को हुआ 2,200 करोड़ रुपये का नुकसान
पंजाब के किसान संगठनों की ओर से 24 सितंबर 2020 से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के कारण 3,850 मालगाड़ियों का संचालन प्रभावित हुआ है. अब तक 2,352 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द किया गया या उनके रूट्स में बदलाव किया गया. इंडियन रेलवे ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों की ओर से जारी विरोध के कारण उसे पैसेंजर ट्रनों में 67 करोड़ रुपये समेत कुल 2,220 करोड़ रुपये की आमदनी का नुकसान हुआ है.