किसी भी सिद्धि या तंत्र साधना के लिए अनबूझा शुभ मुहुर्त दीपावली कल है। इस दिन का साधक और तांत्रिक बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं। लक्ष्मी को रिझाने की खातिर कोई हवन, यज्ञ, जप की तैयारी कर रहा हो तो कोई ताबीजों-यंत्रों को सिद्ध करने को तैयार है। यानि गणेश-लक्ष्मी पूजन के अलावा तंत्र-मंत्र-यंत्र की सिद्धि भी दीपावली की रात परवान चढ़ेगी।
तंत्र के नाम पर दीपावली की रात अब लोग श्मशान आदि का रुख कम करते हैं, लेकिन बाग-बगीची, मंदिर, आश्रम, धर्मशालाएं अथवा एकांत स्थान इस बार भी तमाम तरह की सिद्धियों के गवाह बनेंगे। दीपावली को सबसे बड़ी रात कहा माना गया है। इस रात कुछ ही समय में सिद्धि प्राप्ति के लिए जानकार रातभर हवन, यज्ञ, जाप आदि करेंगे।
मथुरा-वृंदावन, बरसाना व गोवर्धन क्षेत्र में इस तरह की सिद्धियों के लिए कई जगह गुपचुप तैयारी की जा रही हैं। अपने शिष्यों के लिए कुछ जानकार आचार्य, शास्त्री व सिद्ध लोग इस तरह की क्रिया करने वाले हैं। कुछ गृहस्थ लोग भी अपने घरों में लक्ष्मी पूजन के बाद इस तरह की क्रिया करेंगे। हालांकि सिद्धि अब मंत्रों व यंत्रों के जरिए होने लगी हैं। ताबीज व यंत्र ज्यादा मात्रा में तैयार किए जाने लगे हैं।
ज्योतिर्विद पवन कहते हैं कि दीपावली की रात गृहस्थ के लिए श्री यंत्र सिद्ध करना सबसे आसान है। इसके लिए पूजन के बाद लक्ष्मी मंत्र-ऊं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्रीं ऊं महालक्ष्म्ये नम: की 11 माला का जाप करें। साथ ही श्री यंत्र की स्थापना कर उसका पूजन करें तो वह सिद्ध हो जाएगा।
इसी प्रकार लक्ष्मी के बीज मंत्र ऊं श्रीं ह्रीं महालक्ष्म्ये नम: की 21 माला कमलगंट्टे अथवा स्फटिक की माला पर जाप करें और दशांश हवन करें तो यंत्र ऊर्जा से भर जाता है। हवन में कमल गंट्टा अथवा कमल पुष्प की आहूति दी जानी चाहिए।
उनका कहना है कि दीपावली की रात में लक्ष्मी यंत्र, श्री यंत्र, बीसा यंत्र, पंद्रह का यंत्र, हनुमान यंत्र आदि भी ऊर्जित किए जाएंगे। नजर, रक्षा, मुकदमा विजय एवं वशीकरण यंत्र भी इस रात बनाए जाएंगे।